जन्माष्टमी 2025: जन्माष्टमी से पहले घर लाएं ये चीजें, मिलेगी कान्हा जी की कृपा
जन्माष्टमी 2025 (Janmashtami) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पूरे भारत में भक्तों के द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए भक्त विशेष पूजा और व्रत रखते हैं। इस बार जन्माष्टमी 2025 16 अगस्त को मनाई जाएगी। अगर आप भी इस पावन अवसर पर भगवान कान्हा की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो जन्माष्टमी 2025 से पहले अपने घर में कुछ खास चीजें जरूर लाएं। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और शुभता बनी रहेगी।
जन्माष्टमी 2025 से पहले घर में लाने वाली महत्वपूर्ण चीजें
1. लड्डू गोपाल की मूर्ति: भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप लड्डू गोपाल बहुत ही पूजनीय होता है। जन्माष्टमी से पहले लड्डू गोपाल को घर में रखकर उनकी विधिवत पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। रोजाना लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
2. बांसुरी और मोर पंख: कान्हा जी को बांसुरी अति प्रिय है। इसलिए आप अपने घर में चांदी या लकड़ी की बांसुरी रख सकते हैं। साथ ही मोर पंख भी उनके प्रिय हैं, जिसे घर में रखना शुभ माना जाता है। ये चीजें घर में शुभता और सकारात्मक वातावरण बनाती हैं।
3. गाय और बछड़े की मूर्ति: गाय भगवान कृष्ण की विशेष पूजा का हिस्सा हैं। जन्माष्टमी से पहले घर में गाय और बछड़े की छोटी मूर्ति रखना भी शुभ होता है, जिससे घर में संतुलन और शांति बनी रहती है।
4. वैजयंती माला: वैजयंती माला भी जन्माष्टमी से पहले घर में लाना शुभ होता है। इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
5. श्रीमद्भगवद्गीता: श्रीमद्भगवद्गीता भगवान कृष्ण का महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसे घर में रखना और रोजाना पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
6. तुलसी का पौधा: तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। तुलसी का पौधा घर में लगाने से भगवान की कृपा बनी रहती है। जन्माष्टमी से पहले गुरुवार या शुक्रवार को तुलसी का पौधा घर में लगाना शुभ माना गया है।
जन्माष्टमी पर क्यों होती है विशेष पूजा?
जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस कारण मध्यरात्रि को सबसे पवित्र माना जाता है और इसी समय पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त इस दिन व्रत रखते हुए कान्हा जी को भोग लगाते हैं और उनकी महिमा का गान करते हैं।
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