जानिए विटामिन D की अधिकता के खतरों के बारे में, कैसे ज्यादा सेवन से किडनी, दिल और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टर की सलाह और सही मात्रा में विटामिन D लेने के महत्वपूर्ण टिप्स।
विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को भी सही ढंग से काम करने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा विटामिन D का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है? बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D सप्लीमेंट लेना टॉक्सिसिटी (विटामिन D विषाक्तता) का कारण बन सकता है, जिससे किडनी, लिवर और दिल को नुकसान पहुंच सकता है।
ज्यादा विटामिन D से क्यों होता है खतरा?
विटामिन D टॉक्सिसिटी तब होती है जब शरीर में इस विटामिन की मात्रा जरूरत से अधिक बढ़ जाती है। इससे रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ने लगता है, जो किडनी में स्टोन बनने, लिवर डैमेज और हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। अधिक मात्रा में विटामिन D लेने से शरीर की नैदानिक प्रक्रियाएं बाधित हो सकती हैं और गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
विटामिन D अधिकता के लक्षण क्या हैं?
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पाचन संबंधी समस्या जैसे पेट खराब होना, उल्टी, कब्ज और भूख कम लगना
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बार-बार पेशाब आना और लगातार प्यास लगना
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हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना
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थकान, कमजोरी और मूड स्विंग्स
यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो यह लिवर फेल्योर या किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
कैसे बचें विटामिन D टॉक्सिसिटी से?
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विटामिन D सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।
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केवल निर्धारित मात्रा (जैसे वयस्कों के लिए लगभग 600 IU प्रतिदिन) का ही सेवन करें।
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ब्लड टेस्ट कराते रहें ताकि विटामिन D और कैल्शियम का स्तर नियंत्रित रहे।
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खुद से बिना जांच के दवाओं की मात्रा बढ़ाने से बचें।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. अरुण एल. नाइक के अनुसार, बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D लेना शरीर में कैल्शियम का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा सकता है, जिससे किडनी, हृदय और हड्डियों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने जोर दिया कि विटामिन D का सेवन केवल ब्लड टेस्ट और मेडिकल गाइडेंस के तहत ही करना चाहिए।
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