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Haryana मंत्रिमंडल में सीएम को छोड़कर पूरा मंत्रिमंडल नया,  नायब सिंह सैनी मंत्री सभी मंत्रियों के साथ पहली बार काम करेंगे

नायब सिंह सैनी Haryana मंत्रिमंडल में सभी मंत्रियों के साथ पहली बार काम करेंगे। हालांकि, इसमें कई अनुभवी नेता शामिल हैं।

नायब सिंह सैनी ने Haryana की दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सैनी भी शपथ ली है। सैनी के मंत्रिमंडल में नए और अनुभवी नेताओं का मिश्रण है, लेकिन सबसे खास बात यह है कि सैनी सभी के साथ पहली बार काम करेंगे। इनमें से कोई भी नेता उनके पुराने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं था।

बीजेपी ने हरियाणा में अपनी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए विशिष्ट योजना बनाई। पहले सीएम पद से मनोहर लाल खट्टर को हटाकर केंद्र में भेजा गया, फिर कई अन्य मंत्रियों के टिकट काटकर नए लोगों को मौका दिया गया। इससे एंटी इनकंबेंसी से निपटने में मदद मिली, लेकिन अब सैनी को नए मंत्रिमंडल के साथ काम करना होगा। यह उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा। हरियाणा भले ही सत्ताधारी पार्टी और मुख्यमंत्री न बदला हो, लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से बदली हुई नजर आ रही है।

सैनी मंत्रिमंडल में अनुभवी चेहरे

अनिल विज: अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। 2014 से 2024 तक वह कैबिनेट मंत्री रहे हैं। सैनी के सीएम बनने के बाद भी उन्हें मंत्री बनाया गया था, लेकिन वह नाराज हो गए थे और शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले खट्टर सरकार में मंत्री थे।

किशन लाल पंवार: हरियाणा की इसराना विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रतिष्ठित दलित नेता पवार छठी बार विधायक बने हैं। 2015 से 2019 तक वह भी हरियाणा सरकार में मंत्री था। खट्टर अपनी सरकार में परिवहन, आवास और जेल मंत्री रह चुके हैं।

राव नरबीर सिंह: अहीरवाल मेवात रीजन से हैं और हरियाणा में यादव समाज के एक प्रसिद्ध नेता हैं। वह बादशाहपुर सीट से विधायक हैं। 2014 में राव नरबीर पहली बार बादशाहपुर से जीते और मनोहर सरकार में मंत्री बने।

विपुल गोयल: 2016 में वह खट्टर सरकार में पहली बार मंत्री बने। गोयल वैश्य हैं और दो बार विधायक रहे हैं। गोयल एक प्रसिद्ध व्यापारी और उद्यमी हैं। 2014 में वे भारतीय जनता पार्टी से विधायक बने। 22 जुलाई 2016 में मनोहर लाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इस दौरान उन्हें उद्योग और वाणिज्य के साथ अन्य विभागों का चार्ज दिया गया।

कृष्ण बेदी: नरवाना क्षेत्र से विधायक हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भी मनोहरलाल सरकार में रहे हैं। 57 वर्षीय कृष्ण कुमार बेदी पिछले दो दशक से भाजपा में शामिल हैं। 2014 में शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।

इन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मिली जगह

गौतम गौरव: नायब सिंह सैनी सरकार में सबसे युवा मंत्री गौरव गौतम हैं, जो 36 साल का है। पलवल से गौतम विधायक हैं। वह ब्राह्मण सैन्य मंत्रिमंडल में दूसरे नेता हैं। उन्हें युवा मंत्रालय का मौका मिला है।

राजेश नागर: मंत्रिमंडल में पहली बार राजेश नागर भी शामिल हुए हैं। 2019 में भी उन्हें टिकट मिला था, लेकिन अब मंत्रिपद भी मिल गया है। तिगांव के पूर्व विधायक राजेश नागर मूल रूप से तिगांव से हैं। वर्तमान में नागर भतौला में रहते हैं। राजेश नागर गुर्जर समाज से आते हैं।

आरती राव: नारनौल के अटेली विधायक चुनी गईं आरती राव अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी रही हैं। 2001 और 2012 में शूटिंग वर्ल्ड कप खेलने वाली आरती चार बार की एशियन चैंपियन हैं। उन्होंने 2017 में खेलों से संन्यास ले लिया और राजनीति में शामिल हुईं। 2024 में पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

श्रुति चौधरी: पहली बार तोशाम की विधायक बनीं हैं। जून में ही बीजेपी में शामिल हुई थीं। 2005 से राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य रही हैं। पूर्व कृषिमंत्री चौ सुरेंद्र सिंह और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति कांग्रेस के टिकट पर 2009 से 2014 तक भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रहीं। इसके बाद बीजेपी का दामन थाम लिया।

 

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