रेनल हाइपरटेंशन क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और कंट्रोल करने के 5 असरदार उपाय
रेनल हाइपरटेंशन यानी किडनी से जुड़ा हाई ब्लड प्रेशर दिल और किडनी के लिए खतरनाक हो सकता है। जानिए 5 आसान और असरदार तरीके जिनसे आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
रेनल हाइपरटेंशन यानी किडनी से जुड़ा हाई ब्लड प्रेशर, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो समय रहते कंट्रोल न होने पर दिल की बीमारियों और किडनी फेलियर तक का कारण बन सकती है। यह समस्या तब होती है जब किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और इसका सीधा असर ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रेनल हाइपरटेंशन को समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए तो इसका प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
दिल्ली स्थित बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. भानु मिश्रा के अनुसार, नियमित जांच और जीवनशैली में बदलाव से इस स्थिति को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। आइए जानते हैं रेनल हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के 5 ज़रूरी और असरदार कदम।
1. हेल्दी डाइट अपनाएं
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कम सोडियम वाला आहार: नमक की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर को तेजी से बढ़ा सकती है, इसलिए लो-सोडियम डाइट का पालन करें।
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पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ: केला, संतरा और हरी सब्जियां पोटैशियम से भरपूर होती हैं, जो ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करती हैं।
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प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं: पैकेटबंद स्नैक्स, फास्ट फूड, इंस्टैंट नूडल्स जैसे प्रोसेस्ड फूड्स हाई ब्लड प्रेशर के बड़े कारण हो सकते हैं।
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2. नियमित व्यायाम करें
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रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे तेज़ चलना, साइकलिंग, जॉगिंग या स्विमिंग बेहद फायदेमंद है।
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हफ्ते में कम से कम 5 दिन एक्सरसाइज करने से दिल की सेहत सुधरती है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
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शुरुआत हल्के व्यायाम से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
3. जरूरत पड़ने पर दवाइयों का सहारा लें
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कुछ केसों में सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज से ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होता, ऐसे में डॉक्टर द्वारा बताए गए मेडिकेशन जरूरी होते हैं:
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ACE Inhibitors या ARBs: ब्लड वेसल्स को रिलैक्स कर ब्लड प्रेशर को घटाते हैं।
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डाययूरेटिक्स (Water Pills): शरीर से एक्स्ट्रा नमक और पानी को बाहर निकालते हैं।
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Calcium Channel Blockers: नसों को चौड़ा करते हैं जिससे प्रेशर कम होता है।
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4. वजन नियंत्रण में रखें
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ओवरवेट या मोटापा किडनी और हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे रेनल हाइपरटेंशन और बिगड़ सकता है।
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वजन कम करने से ब्लड प्रेशर में बड़ा फर्क आता है।
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हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और अनुशासित जीवनशैली से वजन मैनेज करना आसान होता है।
5. नियमित मेडिकल चेकअप कराएं
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रेनल हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है:
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ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग: घर या डॉक्टर के पास BP की समय-समय पर जांच करते रहें।
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किडनी फंक्शन टेस्ट: खून और यूरिन टेस्ट से किडनी की कार्यक्षमता का आकलन होता है।
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जल्दी पहचान होने पर इलाज भी आसान होता है और बीमारी बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
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