भारत में भले ही ओमिक्रॉन ज्यादा असरकारी नहीं रहा है. लेकिन अगला आने वाला वेरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है. ओमिक्रॉन वेरिएंट अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कम प्रभावी रहा है, और देश में कोरोनावायरस के घटते मामलों को देखते हुए अगर आपका यह सोचना है कि यह कोरोना का अंतिम वेरिएंट था. और इस महामारी से अब हमें निजात मिल जाएगी. तो आपका यह सोचना गलत हो सकता है. दरअसल डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोनावायरस क नए वैरिएंट का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है.
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डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट ने बताया कि नया वेरिएंट और भी ज्यादा प्रभावी और संक्रामक होगा. क्योंकि यह मौजूदा वेरिएंट ओमीक्रोन को ओवरटेक करके बनेगा. और अगर नया वेरिएंट ज्यादा प्रभावी रहा तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी हरा सकता है.
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किसी भी तरह का वायरस प्रकृति में आने के लिए खुद में बदलाव करता रहता है. और कुछ वायरस ऐसे भी होते हैं जिनमें काफी कम बदलाव देखने को मिलते हैं. लेकिन कुछ वायरस प्रतिरक्षा और वैक्सीन के मुताबिक खुद में बदलाव करते रहते हैं. कोरोना के डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट ऐसे ही थे.
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ओमीक्रोन का असर भारत में भले ही ज्यादा ना देखने को मिला हो, लेकिन यह अन्य देशों में बहुत असरकारी रहा है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक नवंबर में ओमीक्रोन वैरीअंट को चिंताजनक वैरीअंट बताया गया था. तब से पूरी दुनिया में ओमीक्रोन वैरीअंट से पांच लाख लोग अपनी जान गवां चुके हैं, और 13 करोड़ लोग इस खतरनाक संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इस वैरीअंट ने भारत में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ज्यादा हानि नहीं पहुंचाई. लेकिन पूरी दुनिया के मामलों को देखा जाए तो इससे पीड़ितों की संख्या बहुत अधिक है.
कोरोनावायरस पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख का कहना है कि सामने आए ओमीक्रोन के मामलों की संख्या चौंकाने वाली है. जबकि अभी कई देशों में ओमीक्रोन का पीक आना बाकी है. पिछले लगातार कई सप्ताह मैं ओमीक्रोन से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. यह बेहद चिंताजनक है.