यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों के विलय का बड़ा फैसला लिया है। जानें कैसे इस कदम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को मिलेगा ₹1200 डीबीटी लाभ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों के विलय (School Merger) की प्रक्रिया को छात्रों, शिक्षकों और पूरे शिक्षा तंत्र के लिए लाभकारी बताया है। इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर बनाना और संसाधनों का समुचित उपयोग करना है।
कम नामांकन वाले स्कूलों का होगा विलय
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया कि जिन विद्यालयों में नामांकन की संख्या बेहद कम है, उन स्कूलों को विलय कर दिया जाएगा। इससे न केवल प्रशासनिक बोझ कम होगा, बल्कि शिक्षकों की उचित तैनाती भी हो सकेगी। ऐसे स्कूल जिनमें 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में ही संचालित किया जाएगा ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सके।
खाली भवनों में बनेगी बाल वाटिका और आंगनबाड़ी केंद्र
स्कूल विलय के बाद जो भवन खाली होंगे, उनमें बाल वाटिकाएं, प्री-प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इससे न केवल बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा का बेहतर आधार मिलेगा, बल्कि स्कूल परिसरों का बहुउपयोगी स्वरूप भी विकसित होगा।
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‘स्कूल चलो अभियान’ को मिलेगा और बल
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि 6 से 14 वर्ष की आयु का कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे। इसके लिए ‘स्कूल चलो अभियान’ को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही ग्राम प्रधान और विद्यालय प्रबंधन समिति को बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
छात्रों को ₹1200 की सहायता राशि डीबीटी से
योगी सरकार ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ₹1200 की Direct Benefit Transfer (DBT) योजना जारी की है। यह राशि यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी और पाठ्य सामग्री की खरीदारी के लिए छात्रों के अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। सरकार ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरा करने का निर्देश दिया है।
अधोसंरचना सुधार की ओर भी ध्यान
सीएम योगी ने यह भी कहा कि जिन विद्यालयों में बुनियादी ढांचे की कमी है, वहां अविलंब संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। स्वच्छ, सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में छात्रों को अध्ययन का अवसर मिलना चाहिए, ताकि शैक्षिक गुणवत्ता को एक नई ऊंचाई दी जा सके।
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