मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ के दौरान किसानों को हुई फसल क्षति के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे का भुगतान पहले ही शुरू कर दिया है।
राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज 30,000 से अधिक उन परिवारों को मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की है, जिनके घर हाल ही में आए भयानक बाढ़ों में क्षतिग्रस्त हो गए थे।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि भयानक बाढ़ों के कारण पंजाब के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है और प्रभावित परिवारों का दर्द बयान नहीं किया जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अपने दौरों के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से लोगों का दुख सुना। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया है कि इस दुख की घड़ी में वह हर प्रभावित परिवार के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब तथा अन्य राज्यों के सामाजिक-धार्मिक संगठनों और स्वयंसेवकों द्वारा इस आपदा के दौरान निस्वार्थ सेवा के लिए किए गए अथक प्रयासों की सराहना की। पंजाबियों के जुझारू जज्बे की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ने एक बार फिर मुसीबत से उबरने के अपने बेमिसाल जज्बे का प्रदर्शन किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार का यह फर्ज बनता है कि वह कठिन समय में अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहे और उनकी सरकार बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ के दौरान किसानों को हुई फसल क्षति के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे का भुगतान पहले ही शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह देश की किसी भी सरकार द्वारा दिया गया अब तक का सबसे अधिक फसली मुआवजा है। उन्होंने आगे कहा कि घरों के नुकसान के लिए सरकार ने एक व्यापक पुनर्वास पैकेज भी शुरू किया है, जिसके तहत पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए प्रभावित परिवारों को 1.20 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि बाढ़ के दौरान पूरे राज्य में क्षतिग्रस्त हुए लगभग 30,000 घरों में से अकेले गुरदासपुर जिले के 8,056 घर शामिल हैं।
ALSO READ:- मान सरकार ने गन्ना किसानों को दिया देश का सबसे महंगा दाम,…
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज प्रभावित परिवारों को 377 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जा रहा है ताकि वे अपने घर दोबारा बना सकें। उन्होंने आगे बताया कि घरों की पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार ने हर योग्य परिवार को पहली किस्त के रूप में 70,000 रुपए पहले ही जारी कर दिए हैं, जबकि शेष राशि दो अतिरिक्त किस्तों में दी जा रही है ताकि निर्माण कार्य सुचारु रूप से आगे बढ़ सके। पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करने हेतु भगवंत सिंह मान ने घोषणा की कि क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण कार्य मनरेगा के अंतर्गत लाया गया है, जिससे लाभार्थियों को अपने घर बनाने के लिए 90 दिनों का रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि यह 90 दिन का रोजगार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हर घर के लिए दी जा रही 1.20 लाख रुपए की ग्रांट से अलग है। उन्होंने कहा कि इस पहल से प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ रोजगार भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान के बावजूद पंजाब ने राष्ट्रीय पूल में लगभग 150 लाख टन चावल का योगदान देकर एक बार फिर देश के अन्नदाता के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि बाढ़ से राज्य को लगभग 13,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने अपनी जोरदार मांग दोहराई कि केंद्र सरकार सार्वजनिक रूप से घोषित 1,600 करोड़ रुपए के राहत पैकेज को तुरंत जारी करे।
पंजाब सरकार की यह पहल केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय दृष्टिकोण का एक बड़ा उदाहरण है। 30,000 से अधिक परिवारों को एक साथ राहत देना राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस ऐतिहासिक कदम के लिए, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और उनकी सरकार की पूरे राज्य में खूब सराहना हो रही है। जनता मान रही है कि इस दुख की घड़ी में ‘मान सरकार’ ने न सिर्फ़ ज़िम्मेदारी निभाई है, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह उनका साथ दिया है।
For English News: http://newz24india.in
Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x



