स्वास्थ्य

शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है अगर HIV की दवाइयां लेना बंद कर दिया जाए?

संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिकी सरकार HIV/एड्स कार्यक्रमों की वैश्विक फंडिंग बंद कर देती है, तो आने वाले चार सालों में 6 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।

HIV: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूएनएड्स (संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी) के उप कार्यकारी निदेशक क्रिस्टीन स्टेगलिंग ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने विदेशी सहायता फंड पर रोक लगा दी है, जो एचआईवी/एड्स उपचार कार्यक्रमों को अस्थिर कर दिया है। क्या आप जानते हैं कि HIV के मरीजों की सेहत कितनी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है अगर वे अपनी दवाइयां बंद कर देते हैं?

इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाएगा

एचआईवी के मरीजों को समय पर एचआईवी की दवा लेनी बहुत महत्वपूर्ण है। एचआईवी की दवाइयों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम खराब हो सकता है। एचआईवी ड्रग्स न लेने की वजह से मरीज की इम्यूनिटी काफी ज्यादा कमजोर हो सकती है, जिसकी वजह से पेशेंट को लेने के देने भी पड़ सकते हैं। इम्यून सिस्टम को कोलैप्स होने से बचाने के लिए एचआईवी की दवाइयां लेना जरूरी है।

बीमारियां जो हमला कर सकती हैं

एचआईवी ड्रग्स न लेने से मरीज की इम्यूनिटी कमजोर होगी और कई गंभीर और जानलेवा बीमारियां उनके शरीर पर हमला कर देंगी। एचआईवी की दवा नहीं दी गई तो मरीज भी मर सकता है। वास्तव में, एचआईवी एड्स का कारण बनता है। आपकी जानकारी के लिए एड्स का कोई इलाज अभी भी नहीं है।

गौर करने योग्य बात

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि एचआईवी उपचार के बिना, एड्स से पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर लगभग तीन साल तक जीवित रहता है। एचआईवी ड्रग्स न लेने से मरीज को निमोनिया, साल्मोनेला, फंगल इंफेक्शन और टीबी होने का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है। कुल मिलाकर एचआईवी ट्रीटमेंट के बिना पेशेंट की प्रतिरक्षा प्रणाली बीमारियों से लड़ने में असमर्थ होती जाती है और खाना खाने से लेकर यात्रा तक, हर काम में मरीज के शरीर पर कीटाणुओं के हमले की संभावना बढ़ जाती है।

Related Articles

Back to top button