
वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, चमगादड़ों का वायरस बन सकता है इंसानों के लिए खतरा

साइंस टेक डेस्क। चीनी शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, एक प्रकार का कोरोनावायरस, नियोकोव, जो दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों के बीच फैलता है, भविष्य में मनुष्यों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हाल ही में प्रीप्रिंट रिपॉजिटरी BioRxiv पर पोस्ट किए गए अध्ययन से पता चलता है कि NeoCov का मिडिल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम (MERS) से करीबी संबंध है। यह एक वायरल बीमारी है, जिसे पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पहचाना गया था। कोरोनावायरस का एक बड़ा परिवार है, जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर सीवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम (SARS) तक की बीमारियों का कारण बन सकता है।
China’s Wuhan Lab Scientists warns the world about #NeoCoV– which has a dangerous mortality rate. Believe them.
Scientists from the #Wuhan knows exact truth about the SARS COV-2 & its variants. They’re the real developers of Coronavirus through their Gain of Function engineers. pic.twitter.com/SvaABhQa8W
— 𝐉𝐨𝐫𝐝𝐚𝐧 (@aka_dpu) January 28, 2022
दक्षिण अफ्रीकी चमगादड़ों की आबादी में पाया जाता है
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और वुहान यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नोट किया कि NeoCov दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों की आबादी में पाया जाता है और आज तक इन जानवरों के बीच विशेष रूप से फैलता है। शोधकर्ताओं ने नोट किया कि अपने वर्तमान स्वरूप में, NeoCov मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है, लेकिन आगे के उत्परिवर्तन इसे संभावित रूप से हानिकारक बना सकते हैं।
Ah shit here we go again.#NeoCov pic.twitter.com/Y1WmGwDZjB
— Elliot Alderson. (@NotThatElliot) January 28, 2022
मनुष्यों में ऐसे कर सकता है प्रवेश
वैज्ञानिकों के अनुसार,इस अध्ययन में, हमने अप्रत्याशित रूप से पाया कि नियोकोव और इसके करीबी संबंधी पीडीएफ- 2180-कोव, मानव शरीर में प्रवेश करने के लिए कुछ प्रकार के बैट (चमगादड़) एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम 2 (एसीई 2) का प्रभावी रूप से उपयोग कर सकते हैं।’’ एसीई 2 कोशिकाओं पर एक रिसेप्टर प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को कोशिकाओं से जुड़ जाने और संक्रमित करने के लिए प्रवेश बिंदु प्रदान करता है।